बदलता शिक्षा जगत
जो बदलाव हो रहे है क्या वो सही हैं ?????
#आज तमाम परीक्षाओं को पार कर अपनी योग्यता और परिश्रम के कारण  बनने वालों शिक्षकों को इन NGO द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम या परीक्षा द्वारा समाज के सबसे बुद्धिजीवी वर्ग यानि शिक्षक की योग्यता का निर्धारण किया जा रहा हैं।😢
#सरकार द्वारा काफ़ी बड़ी मात्रा में बजट दिया जाता हैं ऐसे कार्यक्रमों को चलाने के लिए,यकीन मानिए अगर इतना बजट विद्यालय के संसाधनों को पूर्ण करने में लगा दिया जाए तो अध्यापकों के मनोबल के साथ साथ बच्चों की गुणवत्ता और उत्साह में वृद्धि होगी।।।
#जो इन NGO द्वारा नवाचार की तकनीकी बताई जाती हैं उनका वास्तव में सृजन कही न कही हमारे आपके बीच से ही किसी न किसी अध्यापक द्वारा किया जाता ,परन्तु पूरा श्रय इन NGO द्वारा लिया जाता हैं।।
#हम इनको चलाने वालों की योग्यता पर बात नही करना चाहते, परन्तु ऐसे संस्थाओं द्वारा अध्यापकों के लिए तमाम परीक्षा जैसे कार्यक्रम चलाकर अध्यापकों को अपनी की नजरों में गिराना उचित नहीं हैं,।।।